भारत में करोना से आज ३० अप्रेल तक मरने वाले लोगों की कुल संख्या १०७४ है। जबकि इस बीच इतने ही वक्त में मतलब इन ५० दिनों में सिर्फ भारत में ही १,१०००० लोग कैंसर से मर चुके है।
कल और आज इन दो दिनों में ही भारत ने इरफ़ान खान और ऋषि कपूर जैसे सितारों को कैंसर से खोया है। ये सेलिब्रिटी थे, इसलिये टीवी या मीडिया पर दिख रहा है। मगर बिना टीवी पर दिखे या रियल टाईम रिपोर्टिंग के भी सिर्फ़ भारत में रोज़ २२०० लोग कैंसर से मर रहे है। सिर्फ़ एक दिन में २२०० लोग। इतने तो कोरोना से अब तक ५० दिनों में टोटल नहीं मरे है। सोचकर देखिये कि अगर इस को मीडिया रोज़ लाईव ऑकडो के साथ दिखाना शुरू कर दे, तो क्या हो? कैंसर के कई इलाज आने के बावजूद आज लाईलाज कोरोना पर उसकी बढ़त का सिर्फ अनुमान लगाईये। दिमाग़ काम करना बंद कर देगा। कोरोना कैंसर के सामने अभी नवजात बच्चे की तरह है। शरीर की इम्यूनिटी मज़बूत हो तो ये होता ही नहीं, या फिर होता भी है, तो कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। इस से मरने वाले लोगों का प्रतिशत १% से भी कम है।
हम लोग फिर भी इसकी दहशत से देढ महीने से घर में छिप कर बैठे है। अच्छी बात है। जो भी संभव प्रिकॉशन हो, लेना ही चाहिये। हमारे और हमारे परिवार के स्वास्थ्य से महत्वपूर्ण कुछ भी नहीं है। व्यापार, धर्म, शिक्षा कुछ भी नहीं। और ये बात इस लॉकडाउन के समय में शायद हमारे दिमाग़ में अच्छी तरह बैठ गई होगी।
मुँह पर मॉस्क लगाना, हाथ को बार बार धोना, सोशल डिस्टेंसिंग जैसे उपाय या सावधानियों का जो आज हम इतनी कड़ाई से पालन कर रहे है, वह प्रशंसनीय है, मगर जरा सोचिये।
सिगरेट के पैकेट और पान मसाले या तंबाकू के पैकेट पर तो साफ़ साफ़ लिखा होता है, कि इसके सेवन से कैंसर होने की संभावना है।मगर क्या कभी इसका उपयोग कम हुआ है? सरकार ने भी कभी करोना की तुलना में कहीं गंभीर या विस्तृत बीमारी से लोगो को बचाने के लिये कोरोना की तुलना में आधे प्रयास भी किये है? क्योंकि उपभोक्तावाद के इस दौर में ध्यान उसी पर दिया जाता है, जो आपकी जेब मज़बूत करे। फिर चाहे वह कोई बीमारी हो या इलाज।
कोरोना कोरोना हम सुन तो रोज़ रहे है, मगर मुझे विश्वास है, कि इस लेख को पढ़ते समय तक भी कम से कम आपके परिवार में या रिश्तेदारों में तो आपने कोई भी कोरोना का मरीज़ नहीं ही देखा होगा। और भगवान करे कभी देखे भी नहीं। मगर कैंसर के बारे में क्या ये कह सकते है? आपने अपने आसपास ही कई उदाहरण देखे होंगे।
वर्ल्ड हैल्थ ऑर्गनाईजेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में जिस गति से कैंसर फैल रहा है, उसके आधार पर कुछ सालो में हर १५ में से एक व्यक्ति इस भयानक बीमारी से पीड़ित हो सकता है।
इसलिये अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिये हमें खुद उन उपाय और सावधानियों का भी पालन करना चाहिये जिससे कैंसर होने की संभावना होती है। और ये हमें खुद करना होगा। इसमें सरकार कुछ नहीं कहेंगी। कैंसर खुद एक बहुत बड़ा बिज़नेस है। जिन कारणों से कैंसर होता है, उन कारणो का भी बहुत बड़ा बिज़नेस है। और कैंसर का इलाज भी खुद बहुत बड़ा बिज़नेस है। इसलिये अपनी रक्षा खुद करे। सतर्क रहे।सावधान रहे। कोराना से भी ज़्यादा। कोरोना के बाद भी और लॉकडाउन के बाद भी।
सिगरेट, तंबाकू, शराब और अन्य दूसरे व्यसन और कारणों से भी उतनी ही परहेज़ रखे। सावधानी रखे। अपने लिये भी। अपने परिवार के लिये भी। धन्यवाद।
Beautifully said!! So true! Cancer has visited almost every other house In the country!